इश्क बचपन का ही क्यों ? दार्शनिक दृष्टि

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अक्सर ऐसा देखा है या सुना है या अनुभव किया है ना की शादी के बाद इश्क या प्रेम या प्यार कम हो जाता है!प्यार पहले जैसा नहीं रहता...!दरअसल होता कुछ यूं है की,इश्क / प्रेम / प्यार ऐसी भावना है जो केवल संपूर्ण स्वतंत्रता के वातावरण में ही जन्म लेती है। सम्मान, सफलता, सकारात्मकता, नि:दोषता, स्वीकार, प्रयास, त्याग, प्रयास, विश्वास, दीर्घदृष्टिता, संतोष, अन्य की मदद के लिए हमेशा आगे रहना आदि सकारात्मक भावों से पोषण पा कर वृद्धि को प्राप्त होता है।जब भी इन में से एक अथवा अधिक की हानी होती है तो प्रेम / इश्क के भाव