तमाचा - 16 (टर्निंग प्वाइंट)

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सूर्य एक-एक करके अपनी किरणों का पिटारा खोल रहा था । वह स्वर्णिम किरणें विधायक श्यामचरण की कोठी की छत पर अपना प्रकाश बिखेरती है जहाँ विधायक साहेब डेक चेयर पर बैठे प्रातः की चाय का आनंद ले रहे थे। पास में एक मेज पर गोल डण्ठल सा बंधा हुआ अखबार पड़ा था जो अभी खुलने की प्रतीक्षा में था। मंद हवा पास में पड़े फूलदान के फूल को हल्का सा छेड़े जा रही थी। तभी दिव्या अपनी आँखों को मलकर अपने आलस को मरोड़ती हुई आती है और अपने पापा के पास पड़ी कुर्सी पर बैठ जाती है। "कम