ताश का आशियाना - भाग 17

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रागिनीरागिनी पूरी तरह भारद्वाज परिवार के बारे में भुल चुकी थी।उसे लगा कि वो अपनी छोटीसी जिंदगी अपने मौसी के साथ काट देंगी।और इसके बारे में वो हमेशा याद दिलाती रहती।"याद रखना मासी हमे एक साथ जिंदगी भर रहना है।" मौसी हस देती।"हसो मत मासी, प्रोमिस कर रहना है, मतलब रहना है।वरना मैं रो–रो कर दिल्ली 6 को सोने नहीं दूंगी।""हा बाबा! प्रोमिस" मौसी हंसी संभालते हुए कह देती।लेकिन शायद भगवान भी रागिनी की इस बात को हसी में ही ले रहे थे। देवकी को सिर में दर्द शुरू हो गया, पहले पहले गोलियां लेने से तुरंत चला जाता इसलिए