अग्निजा - 64

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प्रकरण-64 केतकी जीतू के पीछे भागी, “अरे, पर आपका कोई खास काम था न? ऐसी छोटी सी बात के लिए उसे भूलने से कैसे चलेगा? प्लीज...कहिए न ....क्या काम था?” जीतू रुका। उसने गहरी सांस ली और छोड़ी। दो पल के लिए आंखें बंद कर लीं, “तुम ठीक कहती हो। खास काम को भूल कर कैसे चलेगा? चलो...” इतना कह कर उसने रिक्शा रुकवाया और उसे गार्डन की ओर चलने के लिए कहा। लॉ गार्डन में जोड़ों की भीड़ देख कर केतकी को ऐसा लगा कि बेकार ही यहां आए। लेकिन जीतू पूरे उत्साह के साथ आगे-आगे चल रहा था,