SIA A Life Story of Hizra

  • 3.5k
  • 1.3k

छनाक’ की आवाज के साथ आईना चकनाचूर हो गया था। आईने का हर टुकड़ा सिया का अक्स दिखा रहा था। मांग में भरा सिंदूर, गले का मंगलसूत्र, कानों के कुंडल ये सब मानो सिया को चिढ़ा रहे थे। शायद समाज के दोहरेपन के आगे वह हार मान चुकी थी। एकसाथ कई सवाल उस के मन में उमड़घुमड़ रहे थे।आईने के नुकीले टुकड़ों में सिया को उस के सवालों का जवाब नहीं मिल सका. आंखों में आंसुओं के साथ पिछली यादें किसी फिल्म की तरह सिया की आंखों के सामने से गुजरने लगी थीं।श्री नाम था उस का. 20 साल का