बहुत करीब मंजिल - भाग 7

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कैलाश ने बताया कि वो आज बंबई से आ रहा है अगर तुम अपने माता-पिता से बात नहीं कर सकती तो मैं ही आकर बात करता हूँ।इस पर तारा ने हामी भरते हुए कहा-"हाँ आप ही बात करना मैं नहीं बात कर सकती मम्मी -पापा से । कैलाश दोपहर को ही बंबई से आया था और शाम ढ़लने तक तारा के घर आ पहुँचा ।उसके दरवाजा खटखटाने पर माँ ने ही दरवाजा खोला। उसने आते ही आत्मीयता से माँ को नमस्कार किया और पैर छूने के लिए झुका तो माँ हड़बड़ा गई और उन्होंने कहा- ‘‘अरे अरे बस..... बस।’’ आप