अग्निजा - 83

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प्रकरण-83 “क्या? गर्भपात?” केतकी चिल्लाई। उसे अपने कानों पर भरोसा ही नहीं हुआ। लेकिन जीतू पर उसका कोई असर नहीं हुआ। “देखो, मुझे तुम्हारे त्रियाचरित्र की पूरी जानकारी है...लंबे बाल खुले रखना, गॉगल्स पहनना, चलते समय इधर-उधर लोगों को देखना, उस उपाध्याय मैडम जैसी औरतों से दोस्ती रखना....और बिना बाहों के ब्लाउज पहनना...और कल तुमको इतने फोन लगाये, एक भी नहीं उठाया। उसके बाद भी मिस कॉल देख कर तुमने मुझे फोन नहीं लगाया...आज मुझे लंगड़ाता हुआ देख कर भी छुट्टी ली? नहीं? अरे, कम से कम शाम को समय पर आई क्या? नहीं।” बोलते-बोलते ही जीतू ने गुस्से में