सेहरा में मैं और तू - 21 (अंतिम भाग)

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दो दिन की तूफानी यात्रा के बाद जब तीन सदस्यों का ये काफ़िला वापस अपने ठिकाने पहुंचा तो बेहद गर्मजोशी से इनका स्वागत हुआ। कुछ लड़के तो एयरपोर्ट पर लेने भी आए थे।बैंड- बाजे के साथ अपने परिसर में पहुंचे तीनों।कबीर ये नहीं समझ पा रहा था कि उसके मन में खुशी की ये जो उद्दाम लहर किलोल कर रही है इसका कारण क्या है? क्या सचमुच वो जीत, जिसने उसे देश से बाहर ले जाकर सोना दिलाया? या कुछ और!छोटे साहब श्रीकांत के मन में भारी असमंजस था। ये सही है कि कबीर अब उनके लिए उनकी ज़िंदगी बन