हिंदी भाषा की विडंबना

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एक दिन में भोपाल के बहुत ही प्रसिद्ध और जाने-माने निजी विश्वविद्यालय में इतिहास के सहायक प्राध्यापक का इंटरव्यू देने गई । जैसे ही मैंने वहां पर इंटरव्यू के लिए अंदर प्रवेश किया, वहां एक बहुत ही मॉडर्न, बाल कटे हुए, एक महोदया विराजमान थी, जो शिक्षित,डॉक्टरेट थी । जब उन्होंने मेरा साक्षात प्रारंभ किया तो उन्होंने साक्षात्कार के दौरान मुझसे कुछ चंद ही प्रश्न पूछे और उसके पश्चात वे बात ही बात में इस प्रकार का मखोल उड़ाने लगी क्योंकि मैं हिंदी भाषा माध्यम से शिक्षित हूं । उस समय मुझे अपनी शिक्षा एवं अपनी भाषा पर विवश होना