परम् वैष्णव देवर्षि नारद - भाग 5

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एक समय की बात है, नारद ने विषय-वासनाओं पर विजय प्राप्त करने के लिए परब्रह्म की कठोर साधना की। वे हिमालय पर्वत के एक निर्जन स्थान में जाकर समाधिस्थ हो गए और परब्रह्म की आराधना करने लगे। उनको इस प्रकार कठोर साधना करते देख देवराज इंद्र भयभीत हो गए। उन्होंने इस विषय में देव गुरु बृहस्पति से परामर्श करने का विचार किया। वे आचार्य बृहस्पति के पास पहुँचे और उनसे कहा “आचार्य! नारद हिमालय पर्वत पर बड़ी कठिन साधना कर रहे हैं। मेरी समझ में यह नहीं आ रहा कि वे इतना कठोर तप किस उद्देश्य के लिए कर रहे