परम् वैष्णव देवर्षि नारद - भाग 6

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राजा उत्तानपाद की दो रानियां थीं। बड़ी रानी का नाम सुनीति और छोटी रानी का नाम सुरुचि था। सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव था और सुरुचि के पुत्र का नाम उत्तम। राजा छोटी रानी और उसके पुत्र से विशेष स्नेह रखते थे, बेचारी सुनीति और बेटे ध्रुव की हमेशा उपेक्षा होती थी। महल की परिचारिकाएं भी सुरुचि से प्रसन्न नहीं रहती थीं। वे प्रायः घृणा से उनकी ओर देखती और बोलती, "देखो, वो आ रही है रानी सुरुचि।" "देखो तो कैसी अकड़ है, इसका तो बस एक ही लक्ष्य है कि किसी तरह से इसके पुत्र उत्तम को ही