हंसी के महा ठहाके - 4 - मामा जा पहुंचे मेला :समापन भाग

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भाग 4: मामा जा पहुंचे मेला :समापन भाग (पिछले अंक से आगे) ........मौजी मामा की स्कूटी नदी के तट पर बने मंच के पास पहुंची।सामने ही मंदिर था और इससे लगा हुआ नदी का तट। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए मंच बना हुआ था।सबसे पहले मामा परिवार ने मंदिर में पूजा अर्चना की और नदी के दर्शन किए।अब इस नदी के तट पर भी आरती की परंपरा शुरू हुई है।मामा खड़े होकर सोचने लगे,यह बहुत अच्छा है कि प्रकृति के पूजन, संरक्षण और संवर्धन के प्रयत्न से प्रकृति और मानव का माता पुत्र वाला संबंध मजबूत