इश्क़ ए बिस्मिल - 68

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अरीज उन दोनों को लेकर लिविंग रूम में पहुंची थी। “आप दोनों बैठें... मैं आंटी को बुला कर लाती हूँ।“ अरीज चहकती हुई आसिफ़ा बेगम के कमरे की तरफ़ बढ़ी थी। “मैं भागा नहीं जा रहा हूँ... तुम पहले अपने कपड़े चेंज कर लो।“ उमैर खुद को बोहत देर से रोक रहा था...मगर फिर भी उसे देख कर रहा नहीं गया था। अरीज के लिए उमैर की फ़िक्र सनम को अच्छी नहीं लगी थी। “मैं पहले उन्हें बता देती हूँ।“ अरीज भी कहाँ रुकने वाली थी। उसके पैरों में तो जैसे पर निकल आए थे। वह गई थी और आसिफ़ा