छुटकी दीदी - 17

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- 17 - रात को ही ज्योत्सना ने सभी आवश्यक सामान बैग में रख लिया। उसने अब अपने आप को मज़बूत कर लिया था। उसकी समझ में आ गया था कि मैं कमजोर पड़ गई तो बेचारी सलोनी का क्या होगा। इसलिए उसने अपने आप को मज़बूत कर लिया। लड़की का काम है, इसलिए उसने अधिक लोगों को बताना भी ठीक नहीं समझा। कल को विवाह भी करना है। इसलिए सुबह होते ही ज्योत्सना सलोनी को लेकर आश्रम में आ गई। वैसे तो ‘कालीधाम आश्रम’ में बने हॉस्पिटल में सब उपचार नि:शुल्क था, फिर भी दान से एकत्रित चंदे के