छुटकी दीदी - 19

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- 19 - उमंग और ख़ुशी के साथ सलोनी और माँ घर लौटीं तो घर में हंगामा मचा हुआ था। भाग्या का सोने का कंगन गुम हो गया था, जो कभी माँ ने उसे दिया था। ‘सलोनी, मेरा तो यहाँ आना ही ख़राब हो गया। मेरा सोने का कंगन गुम हो गया। यहाँ आते हुए मैंने अपनी अटैची में रखा था। मेरी सास को पता लगेगा तो मेरा जीना दूभर कर देगी। हे भगवान, अब मैं क्या करूँ? कल से घर में नौकर घूम रहे हैं, इतने रिश्तेदार आए हैं, अब मैं किस-किस की तलाशी लूँ?’ ज़ोर-ज़ोर से रोती हुई