इश्क़ ए बिस्मिल - 71

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ऑफिस से घर आते ही जैसी ही ज़मान खान को उमैर के लौट आने का पता चला वह तुरंत उस से मिलने के लिए उसके कमरे में चले गए थे। उमैर अभी भी लैपटॉप मे अपना सर खपा रहा था। ज़मान खान को देखते ही उसने अपना लैपटॉप बंद कर दिया था और खड़ा हो गया था। “अस्सलामो अलैकुम बाबा” उमैर काफी संजीदा दिख रहा था। “वालेकुम अस्सलाम.... जीते रहो...” उन्होंने उसके सर पे हाथ रखा था... उमैर ने अपना सर थोड़ा झुकाया हुआ था। उसे थोड़ा अजीब सा लग रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था की उनसे