एक तपस्या ऐसी भी

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एक तपस्या ऐसी भी आज घर में बहुत गहमा गहमी है । पूरे बाइस बरस के बाद मोनिका के धर में खुशियों ने दस्तक दी है । बाइस बरस तक जिसके केवल दुखः, तकलीफ और संघर्ष के अलावा कुछ नहीं देखा । आज वो बेटी की शादी की इस गहमा गहमी में बेहर मशरूफ । अपनी तमाम तक़लीफों को दर किनार करते हुए आगे बढ़ती गयी वो । आज उसके पास फुरसत नहीं है । कुछ भी सोचने की बस एक ही लगन है बेटी की शादी में किसी प्रकार की कोई कमी ना रह जाए । एक एक चीज