लक्ष्मी--अछत लड़की की प्रेमकथा

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ओहो,"डोर बेललगातार बज रही थी।आवाज सुनकर लीला उठते हुए बोली,"आ रही हूँ।"लीला पूजाघर से निकलकर दरवाजे पर आई थी।उसने दरवाजा खोला तो अपरिचित युवती को दरवाजे पर खड़े पाया था।लीला उस युवती से कुछ पूछ पाती उससे पहले ही युवती ने लीला के पैर छू लिए थे।"कौन हो तुम?"लीला उस युवती की तरफ देखते हुए बोली थी।"क्या?बहू?"लीला उस युवती की बात नही समझी थी।"माझी।मैं आपकी बहु हूँ।"उस युवती ने फिर से अपनी बात दोहराई थी।"मेरी बहू?"उस युवती की बात सुनकर लीला आश्चर्य से बोली थी,"मेरे तो एक ही बेटा है।उसकी अभी शादी ही नही हुई तो फिर मेरी बहू कहा