लागे वृन्दावन नींको - यात्रा डायरी

  • 2.7k
  • 678

आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको,घर घर तुलसी ठाकुर सेवा, दर्शन गोविंद दीजो।आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको...निर्मल नीर बहत यमुना को, भोजन दूध दही को,आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको...जी हाँ, हमारी यात्रा का पहला पड़ाव है वृन्दावन।कान्हा की नगरी।लेकिन यह जगह नीब करोली बाबा के महा समाधि के रूप में चर्चित है। आइये पहले यहीं मत्था टेक लें।ये है नीब करौली बाबा का आश्रम।इस आश्रम का इतिहास पहले आपको बता दूँ। यह सभी जानते हैँ कि हनुमान जी के अनन्य भक्त नीब करोली बाबा ने इसी वृन्दावन मे 1973 में अपना शरीर त्यागने का निर्णय लिया था। यह