तेरा होने लगा हूँ

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1.सीखा ही नहीं हमने डरना कभी गैरों से डर लगता है हमको तो इस शहर में भी अपनों सेकोई काट दे पर मेरे डर हमको नहीं अब उनकाहमने तो है सीखा उड़ाना भी परकटे परिंदों सेलगी डेस मेरे दिल को अपनों की ही बातों से खाया है हमने तो धोखा बेईमान फरिश्तों सेअंजाम भी हमने देख लिया चल करके उसूलों पेईमान खरीदेंगे, अब यहां बेईमान, शरीफों सेकोई बात करें अब क्यों इन बेनूर चिरागों से होती है यहां रोशन रातें,अब रातों के अंधेरों सेमेरी आंख का आंसू है वो रहता तेरी आंखों मेंबन मोती टपकता है जो पलकों के किनारे