मारिया

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मारिया अनुक्रमणिका कंपनी से मेरा परिचयआफिस में मेरा पहला दिनआफिस की प्रतिदिन की दिनचर्या मच्छर मक्खी की महिमा जैक एंड जिलमेरा पहला हैरोल लीडर बनाने की रस्ममोनिकासपने बेचनापहले थप्पड़ का अनुभवआ चल चले दरभंगाहमने व्यथा अनमनी बेची तन की ज्योत कंचनी बेचीकुछ न मिला तो अंधियारों को मिट्टी मोल चांदनी बेचीगीत लिखे जो हमने उन्हें याद रखना तुमरत्नों मढ़ी किताब हमारे पास नहीं ' किशन सरोज'दुनिया ने तजुर्बात ओ हवादिस की शक्ल मेंजो कुछ भी मुझे दिया है उसे लौटा रहा हूं 'साहिर लुधियानवी'नकारता रहा जिसे उम्र तलक