बावरी

  • 885
  • 342

1.तु कितना भी छुपा ले मुझसे मगर तेरी आँखो मे प्यार नजर आता हैतु कितन भी छुपा ले तेरे लबो पर इजहार नजर आता हैतु कितना भी छुपा ले मगर तेरी बातो मे ऐतवार नजर आता हैतु कितना भी छुपा ले तेरी साँसो मे मेरी महक आती हैतु कितना भी छुपा ले मुझसे तेरे बदन से मेरी खुशबु आती हैतु कितना भी बाँध ले जुल्फो को अपनीमेरी बाँह मे आकर खुल ही जाती हैतु कितना भी रोक ले खुद को मेरे करीब आने सेलेकिन मेरे सामने आते ही तु मदहोश हो ही जाती हैतु चाहे कितना भी कर ले इनकार