तेरी बिंदिया रे

  • 804
  • 288

1.बड़ा नायाब सा रिश्ता हैउनका और मेराना मैं उनके अपनो मे शामिल हुँना वो मेरे गैरो मे शामिल हैंबस मिलते है हम, जब भी कहींतो कभी वो अपनी नजरें चुरा लेते हैंतो कभी हम अपनी पलकें झुका लेते हैं2.तेरे ख्यालो से अब बाहर निकल चुकी हुँ मैंतेरी यादों को अब पीछे छोड़ चुकी हुँ मैंमेरा हर वो लम्हा जिसमे शामिल था तुउस हर इक लम्हें को भुला चुकी हुँ मैंजीना है अब मुझे सिर्फ अपने लियेहर वो शख्स जिसने धोखा दिया हर उस शख्स को अपनी जिदंगी से निकाल चुकी हुँ मैं3.तुझे है पाना, बस तेरा ही हो जानामुझे नही