साथिया - 44

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शाम को गजेंद्र सिंह ने नेहा को कॉल लगाया ।"हां पापा जी बताइए।" नेहा खुश होकर बोली। "बेटा बहुत याद आ रही थी तुम्हारी...!! अगर हो सके तो एक-दो दिन के में घर आ जाओ हफ्ते दस दिन की छुट्टियां लेकर।" अवतार सिंह ने कहा। "जी पापा मैं आने का खुद ही सोच रही थी..! मेरी इंटर्नशिप कंप्लीट हो गई है और मैं पीजी का एंट्रेंस भी दे दिया है और मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरा मेरा एग्जाम क्लियर हो जाएगा। तो इस बीच पंद्रह बीस दिन का टाइम है। छुट्टियां है तो मैं वहां आ जाती हूं। कुछ