अनकही दास्तां

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1.इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए,आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए।अपनी यादों से कहो इक दिन की छुट्टी दे मुझे, इश्क़ के हिस्से में भी इतवार होना चाहिए।2.ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छाइस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा।जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी हैबाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा।3.जुदा रहता हूँ मैं तुझ से तो दिल बेताब रहता है,चमन से दूर रह के फूल कब शादाब रहता है। अँधेरे और उजाले की कहानी सिर्फ़ इतनी है,जहाँ महबूब रहता है वहीं महताब रहता है।4.इक दर्द छुपा हो सीने