खुशियों का बीमा

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खुशियों का बीमा भारतीय सभ्यता और संस्कृति की बात ही निराली है। यहाँ मानव जीवन का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसमेँ धर्म और अध्यात्म की घुसपैठ न हो। सौ बात की एक बात कहूँ तो ये कि मनुष्य के जन्म के पहले से लेकर मृत्यु के बाद तक हर जगह इनकी घुसपैठ देखी जा सकती है। शादी-व्याह जैसे कैजुअल मामले में भी, जिसे इस्लाम और ईसाई धर्म में महज एक सामाजिक समझौता माना जाता है, वहीं हिंदू धर्म में इसे एक पवित्र संस्कार माना गया है। कहाँ तो आजकल एक ही जन्म घिसटते-घिसटते बिताना मुश्किल होता है, वहीं