पुलिस की ट्रेनिंग

  • 1.6k
  • 669

पुलिस की ट्रेनिंग सिपाही की नौकरी पाने के बाद रामलाल को जिस थाने में पहली पोस्टिंग मिली, वहाँ के थानेदार साहब उससे पुत्रवत स्नेह रखते थे। रामलाल भी थानेदार साहब को पितातुल्य मानते हुए उनसे पुलिसिया दाँव-पेंच सीख रहा था। थानेदार साहब जब भी फील्ड में जाते, उसको साथ में जरूर ले जाते। रामलाल को जीप चलाना भी आता था, इस कारण भी थानेदार साहब ड्राइवर की बजाय उसे ही साथ लेकर अक्सर निकल जाते थे। ऐसे ही दोनों एक बार कहीं जा रहे थे, तो उन्होंने रास्ते में देखा कि कोई दुपहिया चालक दुर्घटनाग्रस्त होकर बीच सड़क पर पड़ा