साथिया - 48

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"मुझे बेहद खुशी है कि तुमने हमारी बात को समझा और हमारी सहमति में ही अपनी सहमति जताई। बाकी फिक्र मत करो हम लोग हमेशा तुम्हारे साथ हैं। और अब तो हमें किसी बात की चिंता ही नहीं है, हमारी बेटी हमेशा हमारी आंखों के सामने इसी गांव में रहेगी।" अवतार सिंह बोले। नेहा ने एक बार उनकी तरफ देखा और वापस नजरे झुका ली। अवतार ने उसके सिर पर हाथ रखा और फिर बाहर निकल गए। नेहा वापस से बिस्तर पर गिर गई और आंखों से आंसू निकलने लगे। "क्या है यह सब?? क्या लगा रखा है इन लोगों