मातृभाषा

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आजकल लोगों में एक अलग भावना पैदा हो चुकी है गाँव छोड़ना और अपनी मातृभाषा भूलना। जहां तक बात है गाँव छोड़ने की तो समझ में आता है कि शहरों में गाँव के अपेक्षा अच्छी सुविधाएं मिलती हैं जैसे- नौकरियां, अच्छे अस्पताल, अच्छे स्कुल, कॉलेज। लेकिन गाँव जैसे सुकून नहीं मिलते। गाँव में बाग बगीचों, खेत खलिहान, खुले वातावरण में घूमना-फिरना, प्राकृतिक जल। जिससे आपका मन स्वच्छ व स्वस्थ रहता है। शहरों में ये सुविधाएं नहीं मिलती, नाहीं गाँव जैसे भाईचारा। वहां आप कभी-कभी घूमने के लिए थोड़ी अच्छी जगह जाएंगे। दूसरी बात मातृभाषा, आजकल लोगों में अपने मातृभाषा को