नवसंवत्सर कैसा होगा भरतीय परिपेक्ष्य में

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नव संवत्सर कैसा होगा--सनातन धर्म कि मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी ने जिस दिन सृष्टि कि रचना का शुभारम्भ किया था उसी दिन से नववर्ष का भी शुभारम्भ माना जाता जो चैत मास के शुक्लपक्ष कि प्रतिपदा से शुरू होता है ।सनातन नव वर्ष के प्रथम दिवस से सृष्टि कि जननी जगत माता के नौ रुपों कि नौ दिन का अनुष्ठान कलश स्थापना एव उपवास पूजन वंन्दन के साथ शुरू होता है ।नव संवत्सर कि शुरुआत चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने किया था नव संवत्सर जिस वार दिवस से प्रारम्भ होता है उस संवत्सर का राजा उसी दिवस का ग्रह होता है