दूसरा चेहरालेखक: विजय शर्मा एरीशहर की चकाचौंध भरी शामें हमेशा धोखा देती हैं। नेहरू प्लेस की ऊँची-ऊँची इमारतों के बीच जब सूरज डूबता है, तो लगता है जैसे सोने की परत चढ़ी हुई दीवारें भी अचानक अपना असली रंग दिखाने लगती हैं।अंकित मेहरा इसी शहर का सबसे चमकदार चेहरा था। तीस साल की उम्र में उसके पास तीन स्टार्टअप, दो लग्ज़री गाड़ियाँ, एक पेंटहाउस और अनगिनत फॉलोअर्स थे। इंस्टाग्राम पर उसकी हर तस्वीर लाखों लाइक्स बटोरती। लोग उसे “यंग आइकॉन” कहते। कॉलेज की लड़कियाँ उससे ऑटोग्राफ माँगतीं, निवेशक उससे हाथ मिलाने को तरसते।पर किसी को नहीं पता था कि ये