Akarmanye Vadhikaraste

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व्यंग्य संग्रह अक्रमण्येऽवादिकारस्तै.. सर्ब फलैसू सदाचन... — विनोद विप्लव विशय सूची कर्मवीर बनाम फलवीर अकर्मण्ये वधिकारस्ते कृश्ण कब वादा निभायेंगे महानता का जुगाड़ ओबामा के खिलाफ भी पार्टी लड़ेगी चुनाव भारतीय चाय पार्टी चोरी मेरा काम मैं, मैं नहीं हूं मजबूत राश्ट्र के मजबूत यात्री लोकपाल बनाम भ्रश्टपाल वीर अनशनकारियों का देश तोप के मुकाबिल जूते समाज सुधार का ठेका कर्मवीर बनाम फलवीर गीतोपदेष के आधार पर कहा जा सकता है कि हमारे देष में दो तरह के लोग हैं। पहले तरह के लोगों को केवल कर्म का अधिकार है। कर्म के फल पर उनका कोई अधिकार नहीं है, जबकि