राही - मुसाफिर मंजिल की

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सुबह की रोशनी हम सबके जीवन में एक नया दिन लाती है वैसे ही जिंदगी में हर दिन एक नया मोड आता है नई परेशानी आती हे । जिंदगी में कभी खुसिया आती हैं तो कभी गम । जेसेही हम एक परेशानी से निकलते हे तभी सामने जिंदगी एक नया दर्द लेके खड़ी हों जाती हैं। ऐसी ही कहानी है राही की। राही शर्मा 19 साल की बच्ची। कसमीर की वादियों में रहने वाली। चेहरे पे मासूमियत ओर ऐसी खूबसूरती जिसे देख सीसा भी शरमा जाए।बड़ी बड़ी गोल और कठई आंखे जिसमे सचाई छलकती हो l गोलू मोलू गाल जिसे देख खींचने का मन कर जाय। बड़ा ललाट और लम्बे काले गने बाल। एक ऐसी युवती जिसे भगवान ने फुरसत में बनाया हो। जेसी राही बाहर से सुंदर दिखती थी वैसी ही वो अंदर से भी थी। या सायद उससे भी ज्यादा । राही को बचपन से ही लिखने का बड़ा सोख था। बहुत जी प्यारी प्यारी शायरी कविताएं ओर कहानियां भी लिखा करती थी ।

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राही - मुसाफिर मंजिल की - 1

सुबह की रोशनी हम सबके जीवन में एक नया दिन लाती है वैसे ही जिंदगी में हर दिन नया मोड आता है नई परेशानी आती हे । जिंदगी में कभी खुसिया आती हैं तो कभी गम । जेसेही हम एक परेशानी से निकलते हे तभी सामने जिंदगी एक नया दर्द लेके खड़ी हों जाती हैं। ऐसी ही कहानी है राही की। राही शर्मा 19 साल की बच्ची। ...Read More