किश्मत की दास्तान

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यमुना की तट के पास एक प्यारी सी लड़की अपनी ही सोच में गुम है वो इन लहरों को बहते हुए खुद के दिल में जो लहर बह रही वही सोच रही थी। कितनी प्यारी कहानी है इस ताज महल की कितनी मोहब्बत की होगी शहंशा ने अपनी मुमताज से मेरी किस्मत भी कहा लेकर आ गई प्यार जितनी आसानी से मिला उतनी आसानी से खत्म भी हो गया वो अपनी ही सोच में गुम थी उसका दर्द उसकी आंख में दिख रहा था पर शायद ही उसके जिंदगी में कोई था जिसे वो अपना दर्द बयां कर सके। क्या है वो लड़की कौन है वो जानते है उसके पिछली ज़िंदगी में ? दिल्ली का चांदनी बाजार जहा सुबह सुबह ही बच्चो की आवाज लोगो की चहल पहल औरतों के बात चीत के शोर से गूंजता था एक छोटा घर जो दिखने में जड़ बड़ा नही एक मिडिल क्लास फैमली के रहने के लिए उच्चतम था किचन से आती भीनी भीनी खुशबू से पूरा घर मोहक महक रहा था एक २३ साल तक की उम्र की दिखने वाली लड़की एक हाथ से पूड़ी और दूसरे हाथ से अपने बालो को हटा रही पसीने की कुछ बूंदे उसके शरीर pr मोती जैसी दिख रही थी तभी एक आवाज उस लकड़ी के कान में पड़ती है शिवली बेटा !

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किश्मत की दास्तान - 1

Humari kahani ki suruaat hoti hai ek pyar ki kisi ki tadap kisi ka gussa kisi ki majburi ki sab support kro. Agra city Jaha Agra ki baat hoti hai waha ki baat me Taj Mahal ka khyal na ho aisa kabhi ho nhi sakta Taj Mahal duniya ke 7ajubo me ek ajuba hai jo nishani hai kisi ki mohhbat kisi ke junun ki humari kahani ki bhi khuch aisi hi daastan hai यमुना की तट के पास एक प्यारी सी लड़की अपनी ही सोच में गुम है वो इन लहरों को बहते हुए खुद के दिल में जो ...Read More