ఇది ఒక సాధారణ కుటుంబం లో పుట్టిన అమ్మాయి నిజ జీవిత కథ ..నా పేరు మీనాక్షి.నేను ఒక మధ్యతరగతి కుటుంబంలో పుట్టాను.మధ్యతరగతి అంటే… ఒక ...
ভারতের স্বাধীনতা সংগ্রামে তাঁর ভূমিকা শুধু অমর নয়, বরং আজও অনেক স্বার্থান্বেষী মহলের কাছে অস্বস্তিকর। কারণ নেতাজী সুভাষচন্দ্র বসু ...
अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी ...
प्रारम्भिक जीवन और आध्यात्मिक झुकाव वृंदावन की पावन गंध, राधे-राधे की गूँज और कृष्ण नाम की रसधारा… इन्हीं भावों के ...
किसी भी महान व्यक्ति के जीवन को समझने के लिए उसके बचपन और परिवेश को जानना बेहद आवश्यक है। ...
गाँव के बाहर, महू छावनी के शांत किनारे पर एक छोटा सा घर था। 14 अप्रैल 1891 की भोर, ...
भारत के इतिहास में यदि राजपूताना की वीरगाथाओं का स्वर्णिम अध्याय न होता तो इसकी वैसी भव्यता न होती, ...
મારા વ્હાલા વાચકમિત્રો, આપણા જીવનની અંદર આપણા વડીલોનો અગત્યનો ફાળો રહ્યો છે ને આપણે એમની પાસેથી ઘણું શીખતા આવ્યા ...
ऐतिहासिक उपन्यास आमतौर पर ऐतिहासिक तथ्यों और कल्पना का मिश्रण होते हैं। इसलिए उनसे सभी ऐतिहासिक घटनाओं का यथार्थ ...
कहानी शुरू होती है मेवाड़ के एक नगर नागदा से जहाँ भीलों के एक कबीले को घेरकर गुहिलवंशी शिवादित्य ...
हवा बहती थी और ब्रिटिश साम्राज्य की छाया गहराती जा रही थी। उन्हीं गलियों के एक कोने में जन्मी ...
शाल ओढ़े एक नवयुवती अंधेरे में टेण्ट के भीतर बैठी अपने शिशु को स्तनपान करा रही है। उसकी उजली ...
बप्पा रावल जिसे कालभोज के नाम से भी जाना जाता है।8वीं शताब्दी में मेवाड़ (वर्तमान राजस्थान) के एक पराक्रमी ...
Your life partner will be beautiful But not easy to live with her ऐसा नही है कि हरेक के साथ इत्तफाक ...
शिक्षणासाठी पुण्यात माझ्यापेक्षा मोठ्या बंधूकडे, (त्याला मी आण्णा म्हणायचो) यायचे माझे स्वप्न होते.माझ्या दहावीनंतर दोन वर्षे ते स्वप्न ...
आदिकाल से ही भारत देश में, जीवन के हर क्षेत्र में, असाधारण व्यक्तियों का प्रादुर्भाव होता रहा है। हमारा ...
ધારાવાહિક :- આપણાં મહાનુભાવોલેખિકા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીજય શ્રી કૃષ્ણ મિત્રો.આપ સૌનાં સહકાર અને પ્રેરણાથી હું મારી વધુ ...
में अकसर सोचती थी की अगर हम कोई अच्छा काम करे तो हमारे माता पिता एवम् परिवार वालो की ...
He was fair and chubby, standing there with a smile in his eyes. The old woman who worked at ...
આચાર્ય રજનીશ પોતાના શિષ્યો અને અનુયાયીઓ માટે ફક્ત ઓશો જ હતા. પરંતુ ભારતમાં જ નહીં વિદેશમાં પણ તેમના અનુયાયી ...