Pradeep Kumar sah Books | Novel | Stories download free pdf

प्रतीति

by Pradeep Kumar sah
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मदारी अपने चारो तरफ घेरा बनाए खड़ी तमाशाई भीड़ को देखा तो अपना डमरू जोर-जोर से बजाने लगा. कुछ ...

जमूरा

by Pradeep Kumar sah
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स्वामी बदलने के साथ जमूरा का स्वभाव भी बदल जाता है, इस तथ्य से अनभिज्ञ पूर्वाग्रही मदारी के हाथ ...

गुलाटी कला महातम्य

by Pradeep Kumar sah
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वह बोला, भाई लोगो, पलटना उर्फ़ गुलाटी शीर्ष स्तर का एक अद्भुत और बेहद रोमांचक कला है तथा चराचर ...

नैतिकता वनाम संग्राम

by Pradeep Kumar sah
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अनपढ़, जाहिल, समाज-द्रोही दलित चिंतकों और वाम पंथियों को चुनौती, चुनौती और खुली चुनौती कि वे उपरोक्त चौपाई का ...

कुर्सी

by Pradeep Kumar sah
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उसकी लिखावट भी अच्छी नहीं थी. इसलिये उन्हें पूरा यकीन था कि वह बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो ...

मरी हुई आत्मा

by Pradeep Kumar sah
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बदलू के मृतात्मा ने विचार किया कि वह अपना शरीर पुनः प्राप्ति हेतु यह कहाँ आ गया? वह मृतात्मा ...

लक्ष्य वनाम् जीवन और ज़मीर(दो कहानी)

by Pradeep Kumar sah
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उसने देखा कि अन्दर से मिलकर जो प्रतिभागी बाहर आता, वह प्रसन्नचित होता. तथापि वे सब पूरी गोपनीयता बरत ...

सेवकाई वनाम् आकांक्षा

by Pradeep Kumar sah
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दो रचना

चरित्रहीन वनाम् प्रायश्चित (दो कहानी)

by Pradeep Kumar sah
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श्याम ध्वनिस्वादन करते हुए बोला, वह तो कोकिला है.यह तो वही कुलटा है जिसने साज़िश कर झूठे मुकदमें में ...

आदर्श और मजबूरियाँ,भाग-2

by Pradeep Kumar sah
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बेशक मेरे एक भी आदर्श न हों लेकिन मेरी कोई तो मजबूरी होंनी ही चाहिये नही भी हुये ...