कहानी में अप्पी नाम की एक लड़की है, जो लखनऊ से आई है और एक महीने से अस्वस्थ महसूस कर रही है। वह अपने मन की उदासी और अकेलेपन का सामना कर रही है, क्योंकि उसके करीबी लोग व्यस्त हैं और उसने अपने मित्र सुविज्ञ से संपर्क नहीं किया है। अप्पी ने ठान लिया है कि वह अपनी अधूरी पेंटिंग को पूरा करेगी, ताकि उसे थोड़ी राहत मिले। वह दिनभर पेंटिंग में व्यस्त रहती है, किशोर कुमार के गानों के साथ गुनगुनाती है। उसकी चाची उसे खाने के लिए बुलाती हैं, लेकिन अप्पी अपनी कला में खोई रहती है। अंततः, जब वह सोच रही होती है कि उसे किस रंग का इस्तेमाल करना चाहिए, तभी सुविज्ञ दरवाजे पर प्रकट होता है। उनकी उपस्थिति से अप्पी को राहत मिलती है और वह उन्हें गले लगाती है, जो उसके लिए एक सुरक्षित और सुखद क्षण बन जाता है। कहानी एक भावनात्मक संघर्ष और कला के माध्यम से राहत खोजने की यात्रा को दर्शाती है। तपते जेठ मे गुलमोहर जैसा - 14 by Sapna Singh in Hindi Fiction Stories 7 2.7k Downloads 7.8k Views Writen by Sapna Singh Category Fiction Stories Read Full Story Download on Mobile Description अप्पी को लखनऊ से आये हुये महीना भर से ऊपर ही हो गया था..... आते ही अस्वस्थ हो गई थी..... शायद मन पर जो बोझ धर लेती है उसका असर तन पर दिखने लगता है..... उसने न तो सुविज्ञ को फोन ही किया इस दौरान न तो खत ही लिखा। हर सुबह एक नामालूम सी उम्मीद जगती शायद आज सुविज्ञ का फोन आ जाये...... पर दिन बीत जाने पर फिर वही उदासी भरी खिन्नता सवार हो जाती उस पर! वह अपने को दपटती.... क्यों उसने ऐसी बेजा ख्वाहिशें पाल रखी हैं...... ये तो अपने को जान बूझकर दर्द के रास्ते पर ले जाना हुआ! एक हफ्ते से मौसा मौसी भी नहीं थे.... गाँव गये थे! अभिनव का भी न कोई फोन न कोई खत ही आया...... सभी व्यस्त हैं..... वही एक खलिहर है..... सबको याद करती हुई पड़ी है! बहुत हुआ..... Novels तपते जेठ मे गुलमोहर जैसा वह तेज-तेज चलने की कोशिश में हैं, पर अब उन्हें महसूस होने लगा है कि, इस तरह तेज चलना उनके लिए संभव नहीं रहा! पिछले कुछ समय से ऐसा होने लगा है कि तेज च... More Likes This रंग है रवाभाई ! by Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 by S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 by Neha kariyaal जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 by Jagmal Dhanda इश्क की लाइब्रेरी। - 1 by Maya Hanchate फोकटिया - 1 by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 1 by Kaushik Dave More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories