नन्द लाल छेड़ गयो रे

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भइय्या जी, बात ये है कि आजकल की राजनीति में दम नहीं है हम रोज अखबार पढ़ते हैं ,आप भी देखे होंगे ....न छीन झपट,न जूतम पैजार .... न किसी के अन्गदिया पैर उखाड़े जाते ,न एक दूसरों की सरे आम वस्त्र उतारने की बात होती सब सन्नाटे में बीत जाता है