कर्मवीर - 7

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आगे की पढ़ाई में कर्मवीर का बहुत ज्यादा मन लगने लगा। उसने चूँकि इस बार अपनी बेहद ही ज्यादा रूचि का विषय चुना था इसलिए उसे पढाई में मन भी दोगुना लग रहा था। कर्मवीर कॉलेज में जा चुका था और थोड़ा और बड़ा हो गया था। अब वो किशोरावस्था से युवावस्था में प्रवेश करने वाला था। उसकी उम्र सत्रह साल से ज्यादा की हो गयी थी। वो समझदार तो बचपन से बहुत ज्यादा था लेकिन अब वो और भी ज्यादा प्रबुद्ध हो गया था। चूँकि ये वो अवस्था थी जिसमें जिंदगी में सबसे ज्यादा बदलाव आते हैं। शारीरिक और मानसिक दोनों बदलाव बराबर हो होते हैं। ज्याद डर इस अवस्था में बिगड़ने का ही रहता है। एक से एक धुरंधर उम्र के इस पड़ाव को सम्भाल नहीं पाते और बहक जाते हैं।