हिम स्पर्श- 60

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60 वफ़ाई झूले के निकट एक क्षण के लिए रुकी। झूले को पूरी शक्ति से धकेला और कूदकर झूले पर चढ़ गई, खड़ी हो गई। झूला गति में आ गया, वफ़ाई भी। वफ़ाई के दोनों हाथ पूरे खुले हुए थे, जो झूले के दोनों तरफ फैले सरिये को पकड़े हुए थे। जीत ने वफ़ाई को ऊपर से निचे तक देखा। सर पर तोलिया था जिस के अंदर उसके पूरे केश कैद थे। पानी की कुछ बूंदें गालों पर टपक रही थी। लहराते झूले के कारण कुछ बूंदों ने विद्रोह कर दिया और गालों को छोड़ कर हवा में उड़ने लगी,