मन कस्तूरी रे - 10

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आज सुबह जल्दी आँख खुल गई तो स्वस्ति ने कुछ पेंडिंग काम निपटाने का प्लान किया! सबसे पहले इमेल्स निपटाई, फिर मेसेजेज पढ़े कुछ देर और फिर उसने अपने कॉलम के लिए लेख लिखना शुरू किया! जाने क्यों आज मौसम की तरह मूड भी अच्छा था तो स्वस्ति ने एक ही सिटिंग में पूरा लेख लिख दिया! काफी देर से टाइप करते-करते थक गई थी वह! फाइनल एडिटिंग से पहले थोड़ा ठहरना चाहती है वह! उसने लैपटॉप को सामने टेबल पर रखा और यूँ ही सामने की ओर देखते हुए थोड़ा रिलैक्स होकर अपने कुर्सी पर बैठ गई!