मन कस्तूरी रे - 12

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ये रोशेल थी फोन पर! हम्म...तो इतने दिनों बाद आखिर फुरसत मिल ही गई मैडम को...स्वस्ति सोच रही थी! लम्बी बात हुई दोनों की! बहुत दिनों बाद! दोनों ही के पास एक दूसरे को बताने के लिए बहुत कुछ था! रोशेल की आवाज़ में ख़ुशी की जो महक थी वह फोन से निकलकर पूरे माहौल को महका रही थी! स्वस्ति ने ऐसे में अपनी परेशानियों और टेंशन की बात करना स्थगित कर दिया! वह रोशेल को ही सुनती रही! उसके सुख को महसूस करती रही! गोवा से लौट रही है वह कल! अच्छा लगा स्वस्ति को! ज़िदगी के इस फेज में उसे शिद्दत से रोशेल की जरूरत महसूस हो रही थी!