आधी नज्म का पूरा गीत - 21

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कलम से आज गीतों का काफिया तोड़ दिया मेरा इश्क यह किस मुकाम पर आया है उठ ! अपनी गागर से पानी की कटोरी दे दे मैं राह के हादसे, अपने बदन से धो लूंगी.....