Aadhi najm ka pura geet by Ranju Bhatia | Read Hindi Best Novels and Download PDF Home Novels Hindi Novels आधी नज्म का पूरा गीत - Novels Novels आधी नज्म का पूरा गीत - Novels by Ranju Bhatia in Hindi Novel Episodes (275) 12.7k 35.1k 162 अमृता इमरोज, प्यार के दो नाम, जिनके बारे में तब जाना ,जब मेरी उम्र सपने बुनने की शुरू हुई थी, और प्यार का वह हल्का एहसास क्या है अभी जाना नहीं था। बहुत याद नहीं आता कि कब किताबें ...Read Moreकी लत लगी पर जो धुंधला सा याद है कि घर में माँ को पढने का बहुत शौक था और उनकी ‘मिनी लाइब्रेरी’ में दर्जनों उपन्यास भरे हुए थे। माँ तो बहुत छोटी उम्र में छोड़ कर चली गयी और सौगात में जैसे वह अपनी पढने की आदत मुझे दे गयी। यूँ ही एक दिन हाथ में ‘अमृता प्रीतम की रसीदी टिकट’ हाथ में आई और उसको पढना शुरू कर दिया। Read Full Story Listen Download on Mobile Full Novel आधी नज्म का पूरा गीत - 1 (50) 1.8k 2.5k अमृता इमरोज, प्यार के दो नाम, जिनके बारे में तब जाना ,जब मेरी उम्र सपने बुनने की शुरू हुई थी, और प्यार का वह हल्का एहसास क्या है अभी जाना नहीं था। बहुत याद नहीं आता कि कब किताबें ...Read Moreकी लत लगी पर जो धुंधला सा याद है कि घर में माँ को पढने का बहुत शौक था और उनकी ‘मिनी लाइब्रेरी’ में दर्जनों उपन्यास भरे हुए थे। माँ तो बहुत छोटी उम्र में छोड़ कर चली गयी और सौगात में जैसे वह अपनी पढने की आदत मुझे दे गयी। यूँ ही एक दिन हाथ में ‘अमृता प्रीतम की रसीदी टिकट’ हाथ में आई और उसको पढना शुरू कर दिया। Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 2 (23) 888 1.8k जिसने उस वक़्त स्त्री की उस शक्ति को जी के दिखा दिया जब एक औरत अपने घूंघट से बाहर निकलने का सोच भी नहीं सकती थी, अमृता ने न केवल अपनी जिंदगी को इस तरह से जिया, अपने लिखे ...Read Moreचरित्रों को भी उस चमत्कारिक अनूठी ताकत में दिखाया जो न केवल आज वरन आने वाले वक़्त के लिए एक मिसाल बन के रहेंगी, चाहे वह उर्मि हो, चाहे वह ३६ चक की अलका या शाह जी की कंजरी हो या पिंजर की पूरो। Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 3 (19) 543 1.4k अमृता प्रीतमखुद में ही एक बहुत बड़ी लीजेंड हैं और बंटवारे के बाद आधी सदी की नुमाइन्दा शायरा और इमरोज जो पहले इन्द्रजीत के नाम से जाने जाते थे, उनका और अमृता का रिश्ता नज्म और इमेज का रिश्ता ...Read Moreअमृता की नज्मेंपेंटिंग्स की तरह खुशनुमा हैं फिर चाहे वह दर्द में लिखी हों या खुशी और प्रेम में वह और इमरोज की पेंटिंग्स मिल ही जाती है एक दूजे से। अमृता जी ने समाज और दुनिया की परवाह किए बिना अपनी जिंदगी जी उनमें इतनी शक्ति थी कि वह अकेली अपनी राह चल सकें.उन्होंने अपनी धारदार लेखनी से अपनेसमय की समाजिक धाराओं को एक नई दिशा दी थी। Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 4 (19) 552 1.4k अमृता के लिखे नावल में मुझे ३६ चक बहुत पसंद है। यह उपन्यास अमृता ने १९६३ में लिखा था जब यह १९६४ में छपा तो यह अफवाह फैल गई कि पंजाब सरकार इसको बेन कर रही है। पर ऐसा ...Read Moreनही हुआ। यह १९६५ में हिन्दी में नागमणि के नाम से छपा और १९६६ उर्दू में भी प्रकाशित हुआ। जब इस उपन्यास पर पिक्चर बनाने की बात सोची गई तो रेवती शरण शर्मा ने कहा की यह उपन्यास समय से एक शताब्दी पहले लिखा गया है. Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 5 (11) 479 1.2k नारीडराती नहीं है मगर पुरुष डरता है. डरे हुए पुरुषों का समाज हैं हम. किसी ना किसी उर्मि का डरहमारे समाज में हर पुरुष को है. जीती जागती हंसती खेलती उर्मि नहीं, उर्मि के मरने के बाद भी वो ...Read Moreसे डरता है. उर्मि का पिता उर्मि के मरने के बाद उसका जिक्र करने से भी डरता है. उर्मि का पिता उर्मि का जिक्र सुनने से भी डरता है. मगर अमृता उर्मि का ही जिक्र करतीं जाती हैं. उनके उपन्यास का हर महिला पात्र उर्मि है. Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 6 (12) 411 1.3k अमृता और इमरोज दोनों मानते थे कि उन्हें कभी समाज की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं थी !आम लोगो की नजर में उन्होंने धर्म विरोधी काम ही नही किया था बलिक उससे भी बड़ा अपराध किया था, एक शादीशुदा औरत् ...Read Moreहुए भी सामजिक स्वीकृति के बिना वह किसी अन्य मर्द के साथ रहीं जिस से वह प्यार करती थी और जो उनसे प्यार करता था ! Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 7 (11) 347 687 अमृता ने इमरोज़ का इन्तजार किस शिद्दत से किया, वह प्यार जब बरसा तो फ़िर दीन दुनिया की परवाह किए बिना बरसा और खूब बरसा.औरत की पाकीज़गी का ताल्लुक, समाज ने कभी भी, औरत के मन अवस्था से नहीं ...Read Moreहमेशा उसके तन से जोड़ दिया। इसी दर्द को लेकर मेरे ‘एरियल’ नावल की किरदार ऐनी के अलफाज़ हैं, ‘‘मुहब्बत और वफा ऐसी चीज़ें नहीं है, जो किसी बेगाना बदन के छूते ही खत्म हो जाएं। Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 8 339 1.2k अगला चरित्र उनकी एक कहानी बृहस्पतिवार का व्रत’ व्रत पूजा को ले कर है इसके बारे में अमृता लिखती हैं बृहस्पतिवार का व्रत’ कहानी उस ज़मीन पर खड़ी है, जिससे मैं वाकिफ नहीं थी। एक बार एक अजनबी लड़की ...Read Moreआकर मिन्नत-सी की कि मैं उसकी कहानी लिख दूँ। और एक ही साँस में उसने कह दिया—‘मैं कॉलगर्ल हूँ। ’ उसी से, तन-बदन बेचने वाली लड़कियों के रोज़गार का कुछ अता-पता लिया, और उसके अंतर में पलती हुई उस पीड़ा को जाना, जो घर का एक स्वप्न लिए हुए, मन्नत-मुराद माँगती हैं किसी आने वाले जन्म के लिए.... Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 9 330 817 अमृता की लिखी जंगली बूटी का चरित्र अंगूरी भी प्रेम के उस रूप को दिखाता है जिसको अमृता ने कहीं न कहीं जीया है अमृता ने अपने जीवन के संदर्भ में लिखा हैः- इन वर्षो की राह ...Read Moreदो बडी घटनायें हुई। एक- जिन्हें मेरे दुःख सुख से जन्म से ही संबंध था, मेरे माता पिता, उनके हाथों हुई। और दूसरी मेरे अपने हाथों । यह एक-मेरी चार वर्ष की आयु में मेरी सगाई के रूप में, और मेरी सोलह सत्तरह वर्ष की आयु में मेरे विवाह के रूप में थी। Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 10 331 1k विभाजन का दर्द अमृता ने सिर्फ सुना ही नहीं देखा और भोगा भी था। इसी पृष्ठभूमि पर उन्होंने अपना उपन्यास ‘पिंजर’ लिखा। 1947 में 3 जुलाई को अमृता ने एक बच्चे को जन्म दिया और उसके तुरंत बाद 14 ...Read More1947 को विभाजन का मंजर भी देखा जिसके संदर्भ में उससे लिखा किः- ‘‘ दुखों की कहानियां कह- कहकर लोग थक गए थे, पर ये कहानियां उम्र से पहले खत्म होने वाली नहीं थीं। मैने लाशें देखीं थीं, लाशों जैसे लोग देखे थे, और जब लाहौर से आकर देहरादून में पनाह ली, तब ----एक ही दिन में सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक रिश्ते कांच के बर्तनों की भांति टूट गये थे और उनकी किरचें लोगों के पैरों में चुभी थी और मेरे माथे में भी ----- ’’ Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 11 550 1.6k अमृता और साहिर में जो एक तार था वह बरसों तक जुडा रहा, लेकिन क्या बात रही दोनों को एक साथ रहना नसीब नहीं हो सका ?यह सवाल अक्सर मन को कुदेरता है..जवाब मिला यदि अमृता को साहिर मिल ...Read Moreहोते तो आज अमृता अमृता न होती और साहिर साहिर न होते...कुदरत के राज हमें पता हमें पता नहीं होते, किस बात के पीछे क्या भेद छुपा है यह भेद हमें मालूम नहीं होता इस लिए ज़िन्दगी की बहुत सी घटनाओं को हम जीवन भर स्वीकार नहीं कर पाते. Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 12 311 834 अमृता के लिखे यह लफ्ज़ वाकई उनके लिखे को सच कर देते हैं. उनके अनुसार काया के किनारे टूटने लगते हैं सीमा में छलक आई असीम की शक्ति ही फासला तय करती है जो रचना के क्षण तक का एक ...Read Moreलम्बा फासला है एहसास की एक बहुत लम्बी यात्रा. मानना होगा कि किसी हकीकत का मंजर उतना है जितना भर किसी के पकड़ आता है. Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 13 363 938 अमृता प्रीतम जी ने अनेक कहानियाँ लिखी है इन कहानियों में प्रतिबिम्बित हैं स्त्री पुरुष योग वियोग की मर्म कथा और परिवार, समाज से दुखते नारी के दर्द के बोलते लफ्ज़ हैं. कई कहानियाँ अपनी अमिट छाप दिल में ...Read Moreजाती है. कुछ कहानियाँ अमृता जी ने खुद ही अपने लिखे से अलग संग्रह की थी और वह तो जैसे एक अमृत कलश बन गयी. उन्हीं कहानियों में से एक कहानी है गुलियाना का एक ख़त....जिसके नाम का अर्थ है फूलों फूलों सी औरत. पर वह लोहे के पैरों से लगातार दो साल चल कर युगोस्लाविया से चल कर अमृता तक आ पहुंची Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 14 433 1.5k यह पंक्तियाँ अमृता की किताब वर्जित बाग़ की गाथा से ली गयी है...उन्होंने लिखा है कि मैं यदि पूरी गाथा लिखने लगूंगी तो मेरी नज्मों का लम्बा इतिहास हो जाएगा इस लिए इन में बिलकुल पहले दिनों कि बात ...Read Moreजब मैंने वर्जित बाग़ को देख लिया तो अपना ही कागज कानों में खड़कने लगा था.. Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 15 350 1.3k इस एपिसोड में हम अमृता प्रीतम के लिखे हुए उपन्यास, कहानी से वो पंक्तियाँ लेंगे, जो औरत की उन बातों को स्पष्ट रूप से कहते हैं और दिल को झंझोर देते हैं, अमृता के उपन्यास की सप्त तारिकाएँ अपने ...Read Moreसे हमारे दिल की बात कहती हैं आइये आज इन शब्दों के साथ इस अनूठे सफ़र पर चलते हैं और चिन्तन करते हैं कि क्या यह हालात कभी बदलेंगे ? Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 16 333 1.1k स्त्री मन न जाने कितने दर्द और उन अनकहे लफ़्ज़ों में बंधा हुआ है, यह अमृता प्रीतम अच्छी तरह से समझती थी वह अपने शब्दों से न जाने कितनी औरतों की उन दस्तकों को लेखन की आवाज़ देती हुई ...Read Moreहै, कि औरत के जीवन में उसकी ही मुस्कुराहटें और खनक जाने कितनी कैदों में कैद होती रहती है. सही मायने में तो स्त्री का मन ही है जो उसे कैद में रखता है. इसी के चलते वह एक कैद से मुक्त होती है औऱ दूसरी कैद उसे आ घेरती है. यह कैद कभी औलाद की होती है, कभी रिश्तों की तो कभी उस प्रेम की जिसे वह सांस दर सांस जीती चली जाती है. Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 17 326 1.1k अमृता का कहना था कि दुनिया की कोई भी किताब हो हम उसके चिंतन का दो बूंद पानी जरुर उस से ले लेते हैं..और फ़िर उसी से अपना मन मस्तक भरते चले जाते हैं.और फ़िर जब हम उस में ...Read Moreकी परछाई देखते हैं तो हमें उस पानी से मोह हो जाता है...हम जो कुछ भी किताबों से लेते हैं वह अपना अनुभव नही होता वह सिर्फ़ सहेज लिया जाता है....अपना अनुभव तो ख़ुद पाने से मिलता है...इस में भी एक इबारत वह होती है जो सिर्फ़ बाहरी दुनिया की सच्चाई लिखती है, पर एक इबारत वह होती है जो अपने अंतर्मन की होती है और वह सिर्फ़ आत्मा के कागज पर लिखी जाती है.... Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 18 331 1.1k अमृता ने कहा कि आपने मेरी नज्म मेरा पता नज्म की एक सतर पढ़ी है -----यह एक शाप है.एक वरदान है..इस में मैं कहना चाहती हूँ कि यह सज्जाद की दोस्ती है, और साहिर इमरोज की मोहब्बत जिसने मेरे ...Read Moreको वरदान बना दिया आपके लफ्जों में अ शिव का प्रतीक है और ह शक्ति का ..जिस में से शिव अपना प्रतिबिम्ब देख कर ख़ुद को पहचानते हैं और मैंने ख़ुद को साहिर और इमरोज़ के इश्क से पहचाना है..वह मेरे ह है मेरी शक्ति के प्रतीक...और यह पढ़ कर जाना कि के इश्क उनके मन की अवस्था में लीन हो चुका है.और यही लीनता उनको ऊँचा और ऊँचा उठा देती है… Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 19 328 802 अमृता की कविता एक जादू है.उनकी कविता में जो अपने आस पास की झलक मिलती है वह रचना अपनी यात्रा में अंत तक अपना बुनयादी चिन्ह नही छोड़ती है..वह अपने में डूबो लेती है.अपने साथ साथ उस यात्रा पर ...Read Moreचलती है.जिस पर हम ख़ुद को बहुत सहज सा अनुभव करते हैं....आज उनकी कुछ कविताओं से ख़ुद को जोड़ कर देखते हैं....उनकी एक कविता है धूप का टुकडा मुझे वह समय याद है -- Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 20 359 1.2k किस तरह अमृता अपने लिखे से अपना बना लेती है....मैं तो एक कोयल हूँ मेरी जुबान पर तो एक वर्जित छाला है मेरा तो दर्द का रिश्ता.. Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 21 354 1.4k कलम से आज गीतों का काफिया तोड़ दिया मेरा इश्क यह किस मुकाम पर आया है उठ ! अपनी गागर से पानी की कटोरी दे दे मैं राह के हादसे, अपने बदन से धो लूंगी..... Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 22 344 1.1k अमृता के जहन पर जो साए थे वही उसकी कहानियो में ढलते रहे..उसकी कहानी के किरदार बनते रहे.चाहे वह शाह जी कि कंजरी हो या जंगली बूटी की अंगूरी..या फ़िर और किरदार.अमृता को लगता कि उनके साथ जो साए ...Read Moreवह आज के वक्त के नहीं हैं पता नही किस काल से, किस वक्त से हैं वह ख़ुद बा ख़ुद कहानी के कविता के किरदार बनते चले गए.कई बार ऐसा होता है की हमारे आस पास कई छोटी छोटी घटनाएँ घटित होती रहती है और उनको हम जैसे उनको चेतन मन में संभाल लेते हैं. Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 23 359 1.2k बाद में-जब हिंदुस्तान की तक्सीम होने लगी, तब वे नहीं थे। कुछ पूछने-कहने को मेरे सामने कोई नहीं था...कई तरह के सवाल आग की लपटों जैसे उठते-क्या यह ज़मीन उनकी नहीं है जो यहां पैदा हुए ? फिर ये ...Read Moreमें पकड़े हुए बर्छे किनके लिए हैं ? अखबार रोज़ खबर लाते थे कि आज इतने लोग यहां मारे गए, आज इतने वहां मारे गए...पर गांव कस्बे शहर में लोग टूटती हुई सांसों में हथियारों के साये में जी रहे थे... Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 24 369 1.6k साहिर से अमृता का जुडाव किसी से छिपा नही है उन्होंने कभी किसी बात को लिखने में कोई बईमानी नही कि इस लिए यह दिल को छू जाता है और हर किसी को अपनी जिन्दगी से जुडा सच ...Read Moreहै अपनी लिखी आत्मकथा रसीदी टिकट में उन्होंने एक वाकया तब का ब्यान किया है जब उनका पहला बेटा नवरोज़ होने वाला था Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 25 376 894 हर अतीत एक वो डायरी का पुराना पन्ना है जिस को हर दिल अजीज यदा कदा पलटता है और उदास हो जाता है.कई बार उस से कुछ लफ्ज़ छिटक कर यूँ बिखर जाते हैं...कोई नाम उन में चमक जाता ...Read Moreपर कोई विशेष नाम नहीं, क्यों कि मोहबत का कोई एक नाम नहीं होता, उसके कई नाम होते हैं.... Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 26 470 1.2k पर अगर आपको मुझे ज़रूर पाना है तो हर देश के, हर शहर की, हर गली का द्वार खटखटाओ यह एक शाप है, यह एक वर है और जहाँ भी आज़ाद रूह की झलक पड़े Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 27 323 1.2k अमृता प्रीतम के इमरोज़ से मेरा मिलना..एक यादगार लम्हा एक ज़माने से तेरी ज़िंदगी का पेड़ कविता फूलता फलता और फैलता तुम्हारे साथ मिल कर देखा है और जब तेरी ज़िंदगी के पेड़ ने बीज बनाना शुरू किया मेरे अंदर जैसे कविता की पत्तियाँ फूटने लगी हैं. Listen Read आधी नज्म का पूरा गीत - 28 388 1.7k एक सूरज आसमान पर चढ़ता है. आम सूरज सारी धरती के लिए. लेकिन एक सूरज ख़ास सूरज सिर्फ़ मन की धरती के लिए उगता है, इस से एक रिश्ता बन जाता है, एक ख्याल, एक सपना, एक हकीक़त..मैंने इस ...Read Moreको पहली बार एक लेखिका के रूप में देखा था, एक शायरा के रूप में, किस्मत कह लो या संजोग, मैंने इस को ढूंढ़ कर अपना लिया, एक औरत के रूप में, एक दोस्त के रूप में, एक आर्टिस्ट के रूप में, और एक महबूबा के रूप में ! कल रात सपने में एक औरत देखी जिसे मैंने कभी नही देखा था इस बोलते नैन नक्श बाली को कहीं देखा हुआ है.. 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