हिम स्पर्श - 75

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75 “जीत, हम अपने लक्ष्य के निकट ही हैं।“ वफ़ाई ने जीत की तरफ देखा। जीत ने कोई उत्तर नहीं दिया। वह थोड़ा आगे जाकर रुक गया। “जीत, सुनो तो...। कुछ...।” “श...श...श...।” जीत ने वफ़ाई को रोका। जीत दूर कहीं देखने लगा। वफ़ाई भी उस दिशा में देखने लगी। वफ़ाई को कुछ समझ नहीं आया। उसने जीत की तरफ प्रश्नार्थ द्रष्टि से देखा। जीत ने दूर घाटी की तरफ हाथ का संकेत किया। वफ़ाई ने उस बिन्दु पर ध्यान केन्द्रित किया। “दूर पेड पर जमी हुई श्वेत हिम के बीच कुछ रंग दिखाई दे रहे हैं?” वफ़ाई ने उत्तर में