हिम स्पर्श - 85

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85 “जीत, क्या हुआ? तुम रुक क्यों गए? कहो जो कहना हो।“ वफ़ाई ने जीत से कहा। “दिलशा...द, डॉक्टर नेल्सन....।“ जीत आगे नहीं बोल सका। जीत के मन में प्रेम तथा धृणा के मिश्रित भाव प्रकट हो गए। “क्यों याद कर रहे हो उन लोगों को?” “वफ़ाई, मैं उन्हें याद नहीं कर रहा हूँ, वो लोग यहाँ तक आ गए हैं।“ “कहाँ है? यहाँ कोई नहीं है हम दोनों के सिवा।“ “पीछे देखो, वफ़ाई।“ वफ़ाई पीछे घूमी। उसे एक स्त्री तथा एक पुरुष दिखाई दिये। यह तो वही दो व्यक्ति है जो सारे चित्र किसी भी मूल्य पर खरीदना