अफसर का अभिनन्दन - 25

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कला- हीन कला केंद्र यशवंत कोठारी हर शहर में कला केन्द्र होते हैं ,कलाकार होते हैं और कहीं कहीं कला भी होती है.रविन्द्र मंच,जवाहर कला केंद्र ,भारत भवन,मंडी हाउस ,आर्ट गेलेरियां आदि ऐसे ही स्थान है जहाँ पर कला के कद्रदान विचरते रहते हैं.सरकार ने संस्कृति की रक्षा के लिए एक पूरा महकमा बना दिया है जो कला संकृति की रक्षा के लिए कला कारों को हड़काता रहता है .चलो जल्दी करो मंत्रीजी के आने का समय हो गया है और तुम यहाँ क्या कर रहे हो जाओ कोस्टुम पहनो. सीधे खड़े रहो, सी एम् सर को प्रणाम करो, सचिव