लिफ्ट वाली लड़की

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बदन को गुजरती हुई पवन के झोंके ने सहलाया। मैं अचेतन से चेतन की ओर धीरे धीरे अग्रसर हो रहा था। हल्की सी रोशनी भी मानो आंखों को चुभ रही थी। सर बुरी तरह चकरा रहा था। जैसे तैसे मैं उठ बैठा और आस पास नज़र घूमाने लगा। लोगो की चहल पहल थोड़ी दूर थी। मैं किसी छज्जे के नीचे बैठा था। पास से गंदी गटर बह रही थी और कूड़ा कर्कट भी बिखरा पड़ा हुआ था। मैं लड़खड़ाकर उठा। प्यास से गला रुंध हुए जा रहा था। कपड़ो की तरफ देखा तो कुछ खून के धब्बे से दिखाई दिए।