लौट आओ तुम... ! - 3 - अंतिम भाग

(12)
  • 3.7k
  • 1.3k

लौट आओ तुम... ! ज़किया ज़ुबैरी (3) आपा बिस्तर से निकलीं और सीधी शावर में जाते जाते बीबी से कहा, “मुझे भी आंवला शिकाकाई ला दो, बाल धोने हैं। और हां साबजी का नुस्ख़ा भी मुझे दे दो। मैं दवा ले आउंगी।” “नहीं आपा अभी जल्दी क्या है। अगले महीने मैं हौलिडेज पर जाउंगी तब आप ही को साबजी का सारा काम करना होगा। बिलकुल ऐसे ही जैसे मैं करती हूँ...! आपा कांप गई कि क्या वे इतनी सहजता और सरलता से सब कुछ कर भी पाएंगी ?... और क्या अब उनको मेरा काम पसंद भी आयेगा...! क्या वे मुझे