वो अधूरा इश्क़ - 1

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फ़ुरसत का दिन था दोपहर भर के बाद करीब शाम के तीन सवा तीन का वक्त होगा मैं दोस्तों के साथ गपशप करके घर लौट ही रहा था कि अचानक से मेरी बाइक से आगे एक तेज़ से चली आ रही 30-40 की स्पीड में स्कूटी से मेरी बाईक टकरा गई। मुझे होश ही नहीं रहा कि मेरे साथ ये सब क्या हो रहा है। हम दोनों अपनी-अपनी गाड़ियों से गिर गए अचानक से तेज " धड़ाम "की आवाज से पूरा चौराहा गूंज गया और लोग इकट्ठा होने लगे ।"क्या हो क्या?अरे देखो देखो बहुत तेज आवाज़ अाई है।अरे एक्सिडेंट